Monday, November 30, 2009

लोकसभा का प्रश्नकाल स्थगित होना भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है

मित्रो,

भारतीय संसद का यह सत्र मन को बहुत परेशान कर रहा है पहले सांसदों के बीच धक्का मुक्की हुई , अब प्रश्नकाल को केवल इस्लिये स्थगित करना पड़ा क्योंकि जिन सांसदों ने लोकसभा में अपने प्रश्न लगाये थे वे उससमय सदन में मौजूद नही थे वास्तव में हम अपने को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहकर गौरवान्वित होते हैं, पर हमारे मतों से निर्वाचित सांसद गण जब जनता के प्रति जबाबदेही से पल्ला झाड़कर अपनी राजनैतिक रोटिया सेकते हैं तो मन पीड़ा से भर उठता है
आज पड़े लिखे समझदार युवा जिनके मन में देश के लिए कुछ करने का जज्बा है , राजनीति से दूर भागते हैं , यही कारण है कि राजनीति में आने वाले लोग उतने प्रतिभाशाली व समर्पित नहीं है जितने अन्य क्षेत्रों में काम
करने वाले
मैं अपने सभी मित्रों तथा पड़े लिखे लोगों से आग्रह करता हूँ कि राजनीति से दूर नही भागें क्योंकि अन्ततोगत्वा
राजनीति ही देश के विकास कि दिशा तय करती है

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