Monday, November 30, 2009

लोकसभा का प्रश्नकाल स्थगित होना भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है

मित्रो,

भारतीय संसद का यह सत्र मन को बहुत परेशान कर रहा है पहले सांसदों के बीच धक्का मुक्की हुई , अब प्रश्नकाल को केवल इस्लिये स्थगित करना पड़ा क्योंकि जिन सांसदों ने लोकसभा में अपने प्रश्न लगाये थे वे उससमय सदन में मौजूद नही थे वास्तव में हम अपने को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहकर गौरवान्वित होते हैं, पर हमारे मतों से निर्वाचित सांसद गण जब जनता के प्रति जबाबदेही से पल्ला झाड़कर अपनी राजनैतिक रोटिया सेकते हैं तो मन पीड़ा से भर उठता है
आज पड़े लिखे समझदार युवा जिनके मन में देश के लिए कुछ करने का जज्बा है , राजनीति से दूर भागते हैं , यही कारण है कि राजनीति में आने वाले लोग उतने प्रतिभाशाली व समर्पित नहीं है जितने अन्य क्षेत्रों में काम
करने वाले
मैं अपने सभी मित्रों तथा पड़े लिखे लोगों से आग्रह करता हूँ कि राजनीति से दूर नही भागें क्योंकि अन्ततोगत्वा
राजनीति ही देश के विकास कि दिशा तय करती है

Saturday, November 28, 2009

भारतीय प्रतिभाओं को वापस बुलाने की पहल स्वागतयोग्य

मित्रो,

भारतीय प्रतिभाओं को देश के विकास में योगदान के लिए भारत वापस आने का न्योता देकर वे लोगv मनमोहन सिंह जी ने प्रधानमंत्री का दायित्व बखूबी निभाया है उनकी इस घोषणा के लिए मैं हृदय से उनको धन्यवाद् देता हूँ , साथ ही अपने सभी मित्रो भारत की भूमि में स्वागत करने के लिए
ललायित हूँ
हरगोविंद खुराना, अमर्त्य सेन, वही . एस नॉयपाल हाल ही में नोबेल पुरुष्कार जीते वेंकटरमण रामकृष्णनj जैसे लोग आज भारतीय होकर भी भारत में नहीं हैं , यह खेद का विषय है
अद्भुत प्रतिभाओं वाले इश देश में सुविधाओं के अभाव के कारण बहुत सारी प्रतिभाएं अविकसित ही रह जाती हैं , जो लोग अच्छी डिग्रियां प्राप्त करके योग्य बन जाते हें वे देश छोड़कर पलायन , कर जाते हैं जिन प्रतिभाओं को तैयार करने में हमारे देश के धन और शिक्षा तंत्र का योगदान होता है वो लोंग विदेशों की प्रगति में अपना योगदान देते हें जब कोई अप्रवासी भारतीय विशेष उपलब्धि हासिल करता है तो हमारा सीना गर्व से फूल जाता है
आज आवस्यकता इस बात की की सरकार ऐसा प्रबंध करे जिससे हमारे देश की मेधा हमारे देश के विकास में ही अपना योगदान करे और उसे सुविधाओं क विदेश aका मुंह न ताकना इस देश की भूमि पर जन्म लेने वाले प्रत्येक नागरिक का यह नैतिक दायित्व है की जिस देश की भूमि पर हमारा जन्म हुआ है , जिस देश का अन्न -जल खाकर हमारा यह शरीर बना हे ,उसकी सेवा में समर्पित होकर काम करें, कुछ सुविधाएँ कम मिलेंगी तो चलेगा पर मात्रभूमि की गोद में रहने का सुख तो मिलेगा साथ ही इस देश हमारा योगदान हो सकेगा



जय हिंद जय भारत आइये भारत माता आपको पुकार रही हे।

Thursday, November 26, 2009

bharat ki rajneeti ki disha

आज भारत की राजनीति की दिशा के बारे में विचार करने की जरूरत है\ देश की युवा पीडी को विभ्रम उत्पन्न हो गया है , हमारे वर्तमान राजनेता और खासकर कांग्रेस के नेता अपनी कुटिल चालों के कारण अपनी विस्वसनीयता खो चुके है/ रचनात्मक राष्ट्रवादी राजनीती भारत की जरूरत है / पड़े लिखे समझदार युवा जो परिवर्तन की चाहत रखते है उन्हें आगे आने की जरूत्रत है / bharat naye netratva ki oor dekh raha है/


अलोक भार्गव