Thursday, November 28, 2013

पश्चिम का अंधानुकरण

पश्चिम का अंधानुकरण करते करते हम , भारत की आत्मा अर्थात भारतीय संस्कृति को अपने ही देश में किताबी बनाने पर तुले हुए हैं। कभी समलैंगिक संबंधों कॊ कानूनी दर्जा देने की मुहिम है तो कभी लिव इन रिलेशनशिप को वैधानिक बनाने की। 
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सहजीवन न तो अपराध है और न ही पाप है। साथ ही अदालत ने संसद से कहा है कि इस तरह के संबंधों में रह रही महिलाओं और उनसे जन्मे बच्चों की रक्षा के लिए कानून बनाए।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दुर्भाग्य से सहजीवन को नियमित करने के लिए वैधानिक प्रावधान नहीं हैं। सहजीवन खत्म होने के बाद ये संबंध न तो विवाह की प्रकृति के होते हैं और न ही कानून में इन्हें मान्यता प्राप्त है।न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सहजीवन को 'वैवाहिक संबंधों की प्रकृति' के दायरे में लाने के लिए दिशानिर्देश तय किए