हरिद्वार का कुम्भ अद्भुत है, अंतिम शाही स्नान के दिन लगभग एक करोड़ लोगों का जमा होना अपने आप में विलक्षण है भारत की प्राचीन परंपरा जितनी सम्रद्ध है दुनिया में वेसी दूसरी कोई नाहीं गंगा में डुबकी लगाकर हरेक हिन्दू स्वयं को धन्य अनुभव करता है भारत अध्यात्मिक विरासत वाला महँ राष्ट्र है जिसकी संस्कृति सत्य, अहिंसा, सहिस्नुता परोपकार की रही है
भागीरथ जी जब गंगा को धरती पर लाये थे तब उन्होंने भी नहीं सोचा होगा की गंगा के पावन दो नगरों हरिद्वार और प्रयागराज इतना बड़ा पुण्य महोत्सव हुआ करगाबड़े बड़े औद्योगिक घराने अरबों रुपये प्रचार पर खर्च करके भी अपना उत्पाद बेच नहीं पाते , यह जानकर हैरत नमे होंगे की बिना किसी प्रचार के मात्र हिन्दू पंचांग के हिसाब से करोड़ों लोग केसे जमा हो जाते है
वास्तव में भारत ईश्वरीय देश है, इश्वर ही इस देश को चला रहा है
Saturday, April 17, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment